कॉर्पोरेटदुनिया

हमारा बही-खाता अच्छी स्थिति में Adani Group

अडानी समूह ने अपनी कंपनियों के शेयरों में जारी उठापटक के बीच बुधवार को निवेशकों को आश्वस्त किया कि उसका बही-खाता ‘बहुत अच्छी’ स्थिति में है और उसकी नजर कारोबार वृद्धि की रफ्तार कायम रखने पर टिकी हुई है.

अमेरिकी निवेश शोध फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में अडानी समूह पर शेयरों के दाम गलत तरीके से बढ़ाने का आरोप लगाने के बाद से समूह की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गई है. इससे निवेशकों के हितों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं.

अडानी समूह के मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) जुगशिंदर सिंह ने तिमाही नतीजों की घोषणा के बाद एक निवेशक चर्चा में कहा कि समूह अपने आंतरिक नियंत्रण, अनुपालन और कंपनी संचालन को लेकर आश्वस्त है. समूह ने अपनी कंपनियों के वित्तीय ब्योरे का सारांश भी अलग से जारी कर यह बताने की कोशिश की कि उसके पास समुचित नकदी है और वह अपने कर्जों को चुकाने की क्षमता रखता है.

सिंह ने कहा कि हमारा बही-खाता बहुत अच्छी स्थिति में है. हमारे पास उद्योग की अग्रणी विकास क्षमता, मजबूत कंपनी संचालन, सुरक्षित संपत्तियां और सशक्त नकद प्रवाह है. बाजार के स्थिर होते ही हम अपनी पूंजी बाजार रणनीति की समीक्षा करेंगे लेकिन इस तरह का कारोबार देने की क्षमता को लेकर आश्वस्त हैं जो शेयरधारकों को तगड़ा रिटर्न दे सकें. बीते तीन सप्ताह में समूह की कंपनियों का कुल बाजार मूल्यांकन 125 अरब डॉलर तक गिर चुका है. अडानी समूह पर सितंबर, 2022 की तिमाही में 2.26 लाख करोड़ का कर्ज था जबकि उसके पास 31,646 करोड़ नकदी थी.

आरोपों की जांच हो जयराम रमेश

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) और रिजर्व बैंक से आग्रह किया है कि वे अडानी समूह पर लगे आरोपों की जांच कराएं.

रमेश ने रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास और सेबी प्रमुख माधवी पूरी बुच को पत्र लिखकर यह आग्रह किया है. वहीं, जयराम रमेश ने सवाल किया कि सरकार ड्रोन समेत रक्षा क्षेत्र में अडानी समूह का एकाधिकार स्थापित करवाने में मदद क्यों कर रही है? उन्होंने कहा, अडानी ने ड्रोन, इलेक्ट्रॉनिक्स, छोटे हथियार व विमान रखरखाव जैसे क्षेत्रों में इजराइली फर्मों संग उपक्रम स्थापित किए हैं. क्या ऐसे महत्वपूर्ण रक्षा संबंधों को एक ही समूह को सौंपना राष्ट्रीय हित में है?

उच्चतम न्यायालय अमेरिका स्थित शॉट सेलिंग कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए आरोपों के मद्देनजर अडानी समूह की कंपनियों की जांच का आग्रह करने वाली याचिका पर 17 फरवरी को सुनवाई करेगा. यह याचिका कांग्रेस नेता जया ठाकुर ने दायर की है. याचिका में शीर्ष अदालत के किसी मौजूदा न्यायाधीश की देखरेख में जांच कराने का अनुरोध किया गया है. प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की पीठ ने कांग्रेस नेता जया ठाकुर की तरफ से पैरवी कर रहे वकील के इन प्रतिवेदनों पर गौर किया कि याचिका पर तत्काल सुनवाई की आवश्यकता है. न्यायालय ने इस मामले को 17 फरवरी के लिए सूचीबद्ध कर दिया है.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button