खास खबरछत्तीसगढ़राष्ट्र

कल से शुरू होने वाले हैं पितृ पक्ष, प्रमुख तिथियां, जानें इस दौरान क्या उपाय करना चाहिए?

कल से शुरू होने वाले हैं पितृ पक्ष, प्रमुख तिथियां, जानें इस दौरान क्या उपाय करना चाहिए?

न्यूज़ डेस्क : सनातन धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, यह 16 दिनों की वह अवधि है जब पूर्वज अपने बच्चों से मिलने और उनका हालचाल जानने के लिए धरती पर आते हैं। श्राद्ध के दौरान पितरों की आत्मा की शांति के लिए उनके वंशज श्राद्ध कर्म, पिंडदान और तर्पण करते हैं।पितृ पक्ष के दौरान पितरों का श्राद्ध करने से जीवन में आने वाली बाधाएं परेशानियां दूर होती हैं और पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस साल कल यानी कि 29 सितंबर से पितृ पक्ष शुरू हो रहे हैं, जो कि 14 अक्टूबर तक चलेंगे. इन 15 दिनों के दौरान पितरों के निमित्‍त श्राद्ध और तर्पण करने से पितर प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद देते हैं। साथ ही कुंडली में पितृ दोष हो तो उसके अशुभ फलों से निजात मिलती है।

पितृ पक्ष में तिथि का महत्व

जब पितृ पक्ष प्रारंभ होता है तो प्रत्येक दिन की एक तिथि होती है। तिथि के अनुसार ही श्राद्ध करने का नियम है। उदाहरण के लिए, इस वर्ष द्वितीया श्राद्ध 30 सितंबर को है यानी पितृ पक्ष में श्राद्ध की द्वितीया तिथि है। जिन लोगों के पूर्वजों की मृत्यु किसी भी महीने की द्वितीया तिथि को होती है, वे पितृ पक्ष के दूसरे दिन अपने पूर्वजों का श्राद्ध करते हैं। इसी प्रकार पूर्वज की मृत्यु भी माह और पक्ष की नवमी तिथि को होगी। वे पितृ पक्ष की नवमी श्राद्ध के लिए तर्पण, पिंडदान आदि की कामना करते हैं।

पितृ पक्ष के दौरान करें ये उपाय

शास्त्रों में ज्ञात है कि पितृ पक्ष में स्नान, दान और तर्पण आदि का विशेष महत्व होता है। इस दौरान श्राद्ध कर्म या पिंडदान आदि किसी जानकार व्यक्ति से ही कराना चाहिए। साथ ही किसी ब्राह्मण या जरूरतमंद को भोजन, धन या वस्त्र का दान करें। ऐसा करने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है। पितृ पक्ष में पूर्वजों की मृत्यु की तिथि के अनुसार श्राद्ध कर्म या पिंडदान किया जाता है। यदि किसी व्यक्ति को अपने पूर्वजों की मृत्यु की तिथि याद नहीं है तो वह आश्विन कृष्ण पक्ष की अमावस्या के दिन यह अनुष्ठान कर सकता है। ऐसा करने से भी पूर्ण फल प्राप्त होता है।

पितृ पक्ष 2023 श्राद्ध की मुख्य तिथियां

  • पूर्णिमा श्राद्ध- 29 सितंबर 2023
  • प्रतिपदा का श्राद्ध – 29 सितंबर 2023
  • द्वितीया श्राद्ध तिथि- 30 सितंबर 2023
  • तृतीया तिथि का श्राद्ध- 1 अक्टूबर 2023
  • चतुर्थी तिथि श्राद्ध- 2 अक्टूबर 2023
  • पंचमी तिथि श्राद्ध- 3 अक्टूबर 2023
  • षष्ठी तिथि का श्राद्ध- 4 अक्टूबर 2023
  • सप्तमी तिथि का श्राद्ध- 5 अक्टूबर 2023
  • अष्टमी तिथि का श्राद्ध- 6 अक्टूबर 2023
  • नवमी तिथि का श्राद्ध- 7 अक्टूबर 2023
  • दशमी तिथि का श्राद्ध- 8 अक्टूबर 2023
  • एकादशी तिथि का श्राद्ध- 9 अक्टूबर 2023
  • माघ तिथि का श्राद्ध- 10 अक्टूबर 2023
  • द्वादशी तिथि का श्राद्ध- 11 अक्टूबर 2023
  • त्रयोदशी तिथि का श्राद्ध- 12 अक्टूबर 2023
  • चतुर्दशी तिथि का श्राद्ध- 13 अक्टूबर 2023
  • सर्वपितृ मोक्ष श्राद्ध तिथि- 14 अक्टूबर 2023

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button