
नई दिल्ली . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी-20 शिखर सम्मेलन को लेकर केंद्रीय मंत्रियों को खास नसीहत दी. प्रधानमंत्री ने मंत्रियों को वीआईपी संस्कृति से बचने और मिसाल पेश करने को कहा. बैठक के दौरान सभी मंत्रियों को दिल्ली में ही रहने का भी निर्देश दिया. साथ ही कहा कि जी-20 पर वही लोग बोलें जो अधिकृत हैं, सबको बोलने की जरूरत नहीं है.
मंत्रिमंडल की बैठक से पहले हुई अनौपचारिक बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने मंत्रियों को यह निर्देश दिए. मंत्रियों को बताया गया कि शिखर सम्मेलन भारत और उसकी वैश्विक छवि के लिए कितना महत्वपूर्ण है. प्रधानमंत्री ने मंत्रियों से कहा कि जिनकी तैनाती विभिन्न राष्ट्राध्यक्षों और प्रतिनिधियों के साथ है, वे उस देश की संस्कृति, रहन-सहन, खानपान की बुनियादी जानकारी जरूर हासिल कर लें ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि विदेशी मेहमानों को किसी प्रकार की कोई असुविधा न हो. इस दौरान विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने मंत्रियों को प्रोटोकॉल और संबंधित मामलों के बारे में विस्तार से जानकारी दी.
प्रधानमंत्री कार्यालय के सूत्रों के मुताबिक, मंत्रिपरिषद के सहयोगियों को सनातन मुद्दे और भारत बनाम इंडिया विवाद में गैर जरूरी बयानबाजी से बचने की सलाह दी गई है.
बैठक की अहमियत समझाई प्रधानमंत्री मोदी ने केंद्रीय मंत्रियों को जी-20 बैठक की अहमियत भी बताई. उन्होंने जोर दिया कि ये बैठक दुनिया में भारत की साख के लिए अहम है.
इन्हें भी न्योता बैठक में सदस्य देशों के अलावा बांग्लादेश, मिस्त्रत्त्, मॉरीशस, नीदरलैंड, नाईजीरिया, ओमान, सिंगापुर, स्पेन, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) को भी न्योता दिया है. इनके अलावा इंटरनेशनल सोलर अलायंस, एशियन डेवलपमेंट बैंक को भी निमंत्रण भेजा गया है. आईएमएफ, विश्व बैंक, विश्व स्वास्थ्य संगठन , श्रम संगठन के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे. वहीं, दिल्ली के ताज पैलेस होटल में कुछ चुनिंदा मेहमानों के ठहरने की व्यवस्था है. ताज होटल के एक अधिकारी ने बताया कि मेहमानों का स्वागत आरती से होगा. उन्हें शॉल, चंदन और तुलसी से बनी माला भी भेंट की जाएगी.