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प्रधानमंत्री मोदी ने भारत ऊर्जा सप्ताह-2023 में देश में 20 प्रतिशत एथनॉल वाले पेट्रोल की बिक्री शुरू

बेंगलुरु . देश के 11 राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के चुनिंदा पेट्रोल पंप पर सोमवार से 20 प्रतिशत एथनॉल मिश्रण वाले पेट्रोल की खुदरा बिक्री शुरू हो गई है. उत्सर्जन में कमी के लिए जैव ईंधन के इस्तेमाल को बढ़ावा देने तथा आयात पर निर्भरता को कम करने के लिए सरकार पेट्रोल में एथनॉल मिलाने के काम को तेजी से आगे बढ़ा रही है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां भारत ऊर्जा सप्ताह-2023 में 20 प्रतिशत एथनॉल मिला पेट्रोल समय से दो महीने पहले पेश किया. पहले 20 प्रतिशत एथनॉल वाला पेट्रोल अप्रैल में लाने की योजना थी. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमने पेट्रोल में एथनॉल मिश्रण को 2014 के डेढ़ प्रतिशत से बढ़ाकर 10 प्रतिशत कर दिया है. अब हम 20 प्रतिशत के लक्ष्य की ओर बढ़ रहे हैं.

अगले दो साल में इसे पूरे देश में पेश किया जाएगा. पेट्रोल में 10 प्रतिशत एथनॉल मिलाने से देश को 53,894 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा की बचत होती है. किसानों को भी इसका लाभ मिलता है. अभी पेट्रोल में 10 प्रतिशत एथनॉल मिलाया जाता है और सरकार का इरादा 2025 तक इस मात्रा को दोगुना करने का है.

ई-20 (20 प्रतिशत एथनॉल वाला पेट्रोल) 11 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में तीन सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के पेट्रोल पंप पर उपलब्ध है.

पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि भारत ने जून, 2022 के दौरान पांच महीने पहले ही पेट्रोल में 10 प्रतिशत एथनॉल मिलाने का लक्ष्य हासिल कर लिया था.

पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि इसके अलावा हमने ई20 पेट्रोल उपलब्ध कराने की समयसीमा को पहले (वर्ष 2025) कर दिया है. पहले यह समयसीमा 2030 थी. उन्होंने बताया कि अब ई20 को पायलट आधार पर भी समय से पहले पेश कर दिया गया है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत आज ऊर्जा बदलाव और नए संसाधनों के विकास में दुनिया की सबसे प्रमुख आवाज है. अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने कहा है कि वर्ष 2023 में भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था रहेगा.

एथनॉल से बढ़ेगा वाहन का माइलेज, प्रदूषण में आएगी कमी

नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता. सरकार ने पेट्रोल में 20 फीसदी एथनॉल मिलकर बेचने की दिशा में काम शुरू कर दिया है. पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इसकी शुरुआत की गई है. अगले कुछ दिनों में दिल्ली के पेट्रोल पंप पर भी एथनॉल युक्त पेट्रोल मिलने लगा. विशेषज्ञों का कहना है कि सबसे पहले इसके इस्तेमाल से पेट्रोल की कीमतों में कमी आने की संभावना है. दूसरे देश में उन फसलों को बढ़ावा मिलेगा, जिनके जरिये एथनॉल निकाला जाता है. दिल्ली स्थित स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर संस्था में ट्रांसपोर्ट प्लानिंग विभाग के एचओडी प्रोफेसर सेवा राम कहते हैं कि सबसे पहले लाभ यह होगा कि इससे कीमतों पर असर पड़ेगा. बाकी यह सरकार के फैसले पर भी निर्भर करेगा कि कीमतों में कितनी कमी की जाएगी.

ब्राजील का उदाहरण

एथेनॉल के इस्तेमाल के मामले में ब्राजील एक सफल उदाहरण है. जहां पर लगभग 40 प्रतिशत गाड़ियां 100 फीसदी एथनॉल से चलती हैं. बाकी गाड़ियां भी 30-40 फीसदी एथेनॉल मिला ईंधन उपयोग कर रही हैं. स्वीडन और कनाडा में भी एथनॉल पर गाड़ियां चल रही है. कनाडा में एथनॉल के इस्तेमाल पर सरकार की तरफ से सब्सिडी भी दी जा रही है. इसलिए विशेषज्ञ मान रहे हैं कि भारत में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, हरियाणा समेत अन्य राज्य गन्ना पैदा करते हैं, जो एथेनॉल का मुख्य स्त्रत्तेत है.

भारत ऊर्जा क्षेत्र में निवेश के लिए उपयुक्त स्थान

मोदी ने कहा कि देश में ऊर्जा की मांग में भारी वृद्धि की संभावना है. भारत आज ऊर्जा क्षेत्र में निवेश के लिए उपयुक्त स्थान है. वैश्विक संकट के बावजूद भारत आंतरिक जुझारू क्षमता से वर्ष 2022 में दुनिया में सबसे आकर्षक स्थल रहा है.

कच्चा तेल शोधन क्षमता 45 करोड़ टन का लक्ष्य

मोदी ने कहा कि भारत कच्चे तेल की शोधन क्षमता को 25 करोड़ टन सालाना से बढ़ाकर 45 करोड़ टन करने पर काम कर रहा है. देश में गैस पाइपलाइन का नेटवर्क पांच वर्ष में मौजूदा 22,000 किमी नेटवर्क से बढ़ 35,000 किलोमीटर हो जाएगा.

एथनॉल की मात्रा बढ़ने से बीएस-3 और बीएस-4 के इंजन पर असर नहीं

● क्या आम उपभोक्ता को पेट्रोल घटी दर पर मिलेगा?

एथनॉल व कच्चे तेल पर टैक्स अलग-अलग है. ऐसे में उपभोक्ता को एथनॉल पर टैक्स कम होने का लाभ मिलता है. इससे पेट्रोल की कीमत में कमी आती है.

● क्या बीएस-3 बीएस-4 व बीएस-6 वाहन के इंजन पर एथनॉल की मात्रा बढ़ाने का असर होगा?

करीब सभी कंपनियां बॉयो फ्यूल इंजन वाली गाड़ियां बना रही हैं. ऐसे में एथनॉल की मात्रा बढ़ने से इंजन पर कोई असर नहीं पड़ता है.

● क्या वाहन की कार्यक्षमता या माइलेज पर कोई असर पड़ेगा?

गाड़ी का इंजन बॉयो फ्यूल के लिए डिजाइन किया गया है, इसलिए कार्यक्षमता और माइलेज पर कोई खास असर नहीं पड़ता है.

● फ्लेक्स फ्यूल इंजन कब तक वाहनों में लगने लगेंगे?

फ्लेक्स फ्यूल इंजन में अभी वक्त लगेगा. केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने अक्तूबर, 2022 में पहली फ्लेक्स फ्यूल कार की शुरुआत की थी. इसके बाद ऑटो एक्पो में भी कई कंपनियों ने अपनी फ्लेक्स फ्यूल मॉडल पेश किए थे.

● फ्लेक्स फ्यूल इंजन क्या पुरानी गाड़ी में फिट हो सकेंगे?

हर गाड़ी के इंजन का डिजाइन अलग होता है. पुरानी गाड़ियों में फ्लेक्स फ्यूल इंजन फिट करना मुश्किल है. पर कुछ बदलावों से ऐसा किया जा सकता है.

● फ्लेक्स इंजन में किस-किस किस्म के ईंधन का प्रयोग हो सकेगा. पेट्रोल के साथ-साथ एथनॉल, सीएनजी, बायो-एलएनजी और इलेक्ट्रिक पॉवर.

फ्लेक्स फ्यूल इंजन वाले वाहनों के टैंक में कई तरह के ईंधन डाल सकते हैं. वाहन को पेट्रोल, पेट्रोल व एथेनॉल के किसी भी अनुपात के मिश्रण या शुद्ध एथनॉल से चलाया जा सकता है.

● क्या मिश्रित एथनॉल के अलावा सामान्य पेट्रोल भरवाने का विकल्प उपभोक्ता को मिलेगा

ऐसा करना मुश्किल है, क्योंकि इससे पेट्रोल पंप पर भ्रम की स्थिति पैदा हो सकती है. इसलिए सभी पंपों पर एथेनॉल मिक्स ईंधन उपलब्ध है.

● क्या एथनॉल से इंजन या वाहन के अन्य पुर्जों पर पड़ने वाले असर के बारे में उपभोक्ताओं को जागरूक किया जाएगा.

ऊर्जा विशेषज्ञ नरेंद्र तनेजा का कहना है कि एथनॉल से इंजन या वाहन के अन्य पुर्जो पर कोई खास असर नहीं पड़ता है.

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