
भुवनेश्वर . रेलवे बोर्ड ने बालासोर रेल हादसे की सीबीआई जांच कराने की सिफारिश की है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा, ट्रेन हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों और कारणों की पहचान हो गई है. ‘इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग’ और ‘प्वाइंट मशीन’ प्रणाली में गड़बड़ी की वजह से यह हादसा हुआ. ये दोनों प्रणालियां रेलवे सिग्नल के लिए अहम होती हैं.
केंद्रीय मंत्री ने कहा, इन प्रणालियों की सेटिंग में बदलाव किया गया था. यह कैसे और क्यों किया गया, इसका खुलासा जांच रिपोर्ट में किया जाएगा. उन्होंने कहा, दुर्घटना की जांच पूरी कर ली गई है. रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) जैसे ही अपनी रिपोर्ट देंगे सभी जानकारियां सामने होंगी. रेल मंत्री ने घटना के लिए ड्राइवर की गलती से इनकार किया है.
‘कवच’ प्रणाली से कोई संबंध नहीं केंद्रीय मंत्री ने कहा, कवच प्रणाली का इस दुर्घटना से कोई संबंध नहीं है. यह हादसा इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग प्रणाली में बदलाव की वजह से हुआ. कवच को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की टिप्पणी सही नहीं है.
इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग क्या है इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग रेलवे सिग्नल प्रणाली को नियंत्रित करने में इस्तेमाल में लाई जाती है. इंटरलॉकिंग का मतलब है कि अगर लूप लाइन सेट है, तो लोको पायलट को मेन लाइन का सिग्नल नहीं मिलेगा. वहीं, अगर मेन लाइन सेट है, तो लूप लाइन का सिग्नल नहीं मिलेगा. इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिग्नल रेल लाइन और ट्रेनों के बीच ऐसा सिस्टम तैयार करती है, जो ट्रेनों को टकराने से बचाती है. इसकी वजह से किसी ट्रेन को तब तक बढ़ने का सिग्नल नहीं मिलता जब तक लाइन क्लियर ना हो.
क्या है प्वाइंट मशीन प्वाइंट मशीन तकनीक पटरियों के किनारे निर्धारित स्थानों पर लगाई जाती है. यह मशीन कंट्रोल रूम से ऑपेरट होती है. कंट्रोल रूम ट्रेन को एक पटरी से दूसरी पटरी पर करने के लिए इस मशीन का सहारा लेता है.
सुप्रीम कोर्ट में याचिका
बालासोर हादसे की निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है. इसमें शीर्ष अदालत के अवकाश प्राप्त जजों के नेतृत्व में एक आयोग गठित करने का केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग की गई है.
दिल्ली से डॉक्टरों का दल भेजा
स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया रविवार को ट्रेन हादसे के पीड़ितों से मिलने भुवनेश्वर एम्स पहुंचे. वहीं दिल्ली एम्स और केंद्र सरकार के अन्य अस्पतालों के चिकित्सकों के दल को भी विशेष विमान से भुवनेश्वर भेजा गया.
पटरी ठीक कर मालगाड़ी गुजारी, बुधवार तक यात्री ट्रेन चलेंगी
हादसे के लगभग 51 घंटे बाद रविवार रात पटरियां दुरुस्त कर मालगाड़ी को गुजारा गया. इससे पहले रेल मंत्री वैष्णव ने कहा, पटरियों की मरम्मत का काम युद्धस्तर पर जारी है. बुधवार तक रेल सेवा पूरी तरह बहाल होने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि हैदराबाद, चेन्नई, बेंगलुरु, रांची, कोलकाता तथा अन्य स्थानों से विशेष ट्रेन चलाई जा रही हैं, ताकि मरीज इलाज के बाद घर लौट सकें.