
नई दिल्ली . केंद्र सरकार चाहती है कि एक साल के भीतर सभी विश्वविद्यालयों, कॉलेज और उच्च शिक्षण संस्थाओं में रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेल का गठन हो जाना चाहिए. जिससे आत्मनिर्भर भारत की दिशा में उच्च शिक्षण संस्थान और उद्योग मिलकर काम कर सकें और स्थानीय जरूरतों और बाजार की मांग के अनुरूप रिसर्च को बढ़ावा मिले.
अभी तक 244 विश्विद्यालय और 298 महाविद्यालय सहित 542 उच्च शिक्षण संस्थानों ने अपने परिसरों में आर एंड डी सेल का गठन किया है. इसके अलावा उद्योग लिंकेज को जोड़कर आर एंड डी सेल का गठन करने वाले संस्थाओं की संख्या 1100 के आसपास है. उच्च शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के योगदान में समयबद्ध तरी़के से सभी विश्विद्यालय, उच्च शिक्षण संस्थानों में यह सेल स्थापित किया जाना है. देश में पंजीकृत विश्वविद्यालयों तथा अन्य संस्थाओं की संख्या संख्या 1113, कॉलेजों की संख्या 43,796 और स्वचलित संस्थानों की संख्या 11,296 है. अधिकारियों के मुताबिक बड़ी संख्या में कॉलेजों ने अनुसंधान और विकास सेल स्थापित करने की विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की सलाह को अभी तक नजरअंदाज कर दिया है. उद्योग और अनुसंधान संगठनों के संभावित सहयोगियों की पहचान करके परिसरों में अनुसंधान को बढ़ावा देने, परियोजना प्रस्तावों में मदद करने और समयसीमा के पालन की निगरानी करने के लिए भी गाइडलाइन नियामक संस्थान पहले जारी कर चुका है.
इंटर्नशिप के माध्यम से नौकरी की तैयारी कर रहे छात्र
कई आईआईटी ने अपने रिसर्च और इनक्युबेशन सेंटर के जरिए अच्छे परिणाम दिये हैं. यूजीसी ने यह व्यवस्था भी दी थी कि विश्वविद्यालय और उद्योग एमएसएमई, भारी उद्योग मंत्रालय या राज्य सरकारों के उद्योग विभाग के सहयोग से क्षेत्र की तकनीकी जरूरतों को पूरा करने के लिए राज्य या केंद्रीय स्तर पर अनुसंधान और विकास (आरएंडडी) क्लस्टर बना सकते हैं. आवश्यक कौशल सेट वाले छात्र को इंटर्नशिप के माध्यम से नौकरी के लिए तैयार किया जाता है. अधिकारियों का कहना है कि क्लस्टर स्थानीय समस्याओं को चिन्हित करने के लिए एक प्रौद्योगिकी-केंद्रित तंत्र बना सकता है और फिर छात्रों को वही प्रोजेक्ट सौंप सकता है जो बदले में असाइनमेंट से क्रेडिट अर्जित कर सकते हैं.



