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अडानी मामले में 22 आरोपों की जांच पूरी सेबी

नई दिल्ली . बाजार नियामक सेबी ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय में कहा कि अडानी समूह के खिलाफ दो को छोड़कर सभी आरोपों की जांच पूरी कर ली गई है. सेबी ने अपनी जांच के संबंध में उच्चतम न्यायालय को सौंपी एक स्थिति रिपोर्ट में कहा कि वह अडानी समूह से संबंधित जिन 24 मामलों की जांच कर रहा है, उनमें से 22 मामलों के अंतिम निष्कर्ष आ चुके हैं.

हालांकि सेबी ने इन जांच नतीजों का खुलासा नहीं किया लेकिन उसने संबंधित पक्षों के बीच लेनदेन के साथ जांच में उठाए गए कदमों का विस्तृत ब्योरा दिया है.

हालांकि विदेशी फर्जी कंपनियों के जरिये निवेश करने के आरोप पर सेबी ने कहा कि इस मामले में 13 विदेशी संस्थाएं शामिल हैं जिनमें 12 विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक और एक विदेशी कंपनी है. हिंडनबर्ग रिसर्च की एक रिपोर्ट में इनमें से कुछ इकाइयों को गौतम अडानी के बड़े भाई विनोद अडानी द्वारा संचालित या उनकी सहयोगी बताया गया था.

सेबी ने कहा, इन विदेशी निवेशकों से जुड़ी कई संस्थाओं के टैक्स हेवन देशों में स्थित होने से 12 एफपीआई के आर्थिक हित को स्थापित करना एक चुनौती बनी हुई है. टैक्स हेवन के रूप में वे देश शामिल हैं जिसे कर चोरी करने वालों के लिए पनाहगाह माना जाता है. इन देशों में पंजीकृत कंपनियों पर बहुत कम दर से अथवा कोई कर नहीं लगाया जाता है. सेबी ने कहा कि इन विदेशी निवेश कंपनियों के असली मालिकों के बारे में पांच देशों से सूचनाएं जुटाने की कोशिशें जारी हैं. ऐसा न होने तक यह जांच रिपोर्ट अंतरिम है.

हिंडनबर्ग ने गड़बड़ी के आरोप लगाए थे

हिंडनबर्ग रिसर्च की 24 जनवरी को आई रिपोर्ट में अडानी समूह पर शेयरों के भाव और बहीखाते में धोखाधड़ी के अलावा विदेशी फर्मों के जरिए हस्तक्षेप के आरोप लगाए गए थे. इनके बाद समूह की कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में दो महीनों के भीतर 150 अरब डॉलर तक की भारी गिरावट आ गई थी.

समूह ने सभी आरोपों को सिरे से नकार दिया था

अडानी समूह ने इन आरोपों को सिरे से नकारते हुए कहा था कि वह सभी नियामकीय प्रावधानों का पालन करता है. उच्चतम न्यायालय ने सेबी को रिपोर्ट सौंपने के लिए 14 अगस्त की समय सीमा तय की गई थी. सेबी ने उच्चतम न्यायालय से 15 दिनों की मोहलत मांगी थी. अब सेबी ने अपनी जांच पर एक स्थिति रिपोर्ट पेश कर दी है.

 

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