मंगल पर अब दिखी 30 KM की ‘घूरती हुई आंख’, पहली तस्वीर आई सामने

हमारे सौरमंडल में कुल 8 ग्रह हैं, जो निश्चित दूरी पर सूर्य की परिक्रम कर रहे. इनमें से सिर्फ पृथ्वी पर ही जीवन है, लेकिन वैज्ञानिकों का मानना है कि करोड़ों साल पहले मंगल (Mangal) का वातावरण जीवन के लिए अनुकूल था. वहां पर पानी और जीवन से जुड़े कई अहम सबूत भी हाथ लगे हैं, जिस पर रिसर्च की जा रही. इसके अलावा कई देशों के सैटेलाइट (Satellite) और रोवर लगातार उसकी तस्वीरें ले रहें. जिनमें से कुछ बहुत ज्यादा दिलचस्प हैं.
30KM का गड्डा दिखा ScienceAlert की रिपोर्ट के मुताबिक यूरोपियन स्पेस एजेंसी (Uropian Space Agency) के मार्स एक्सप्रेस पर लगे कैमरे मंगल की सतह की जांच कर रहे थे. तभी उनको आंख के आकार का गड्ढा दिखा. उसको देखने पर लग रहा था, जैसे वो घूर रहा है. उसने तुंरत उसकी तस्वीरें लीं और कमांड सेंटर को भेज दिया. ये गड्ढा करीब 30 किलोमीटर का है, जिसकी मदद से मंगल की संरचना को समझने में मदद मिल सकती है.

रिपोर्ट के मुताबिक गड्ढा मंगल के दक्षिणी गोलार्ध में देखा गया था, जो एओनिया टेरा नामक क्षेत्र में था. ये क्षेत्र कई क्रेटरों (गड्ढों) के लिए जाना जाता है और फेमस लोवेल क्रेटर से बहुत दूर नहीं है, जिसका व्यास 200 किमी से भी बड़ा है. माना जाता है कि ये उल्कापिंड, ग्रह के टुकड़ों आदि के टक्कर से बने होंगे, जिसे लेट हेवी बॉम्बार्डमेंट कहते हैं. पृथ्वी पर भी ऐसे बॉम्बार्डमेंट हुई थी, जिससे हमारे ग्रह को पानी और कार्बनिक चीजें प्राप्त करने में मदद की. वहीं जिस गड्ढे की फोटो मार्स एक्सप्रेस ने भेजी है, वो दक्षिण फ्लैट-टॉप बट्स और छोटे गड्ढों से भरा है, जबकि उत्तरी क्षेत्र की तुलना चिकना और पीला है. गड्ढे का केंद्र गहरे रंग के टीले के रूप में दिखाई देता है. ये फोटो देखने में जितनी आकर्षक है, उतनी ही ये रिसर्च में मदद करेगी. इसकी मदद से मंगल की सतह और उसके निर्माण की जानकारियां हासिल की जा सकती हैं.

वहीं दूसरी ओर सोशल मीडिया पर इन दिनों मंगल की सतह की एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें एक बत्तख के आकार की चट्टान दिखाई दे रही. जिसको लेकर लोग तरह-तरह की बातें कर रहें. कुछ का कहना है कि वहां पहले जीवन था या फिर एलियंस की वजह से ये हुआ होगा. हो सकता है कि उन्होंने चट्टान को उस आकार में तराशा हो, जैसे पृथ्वी की पुरानी सभ्यताओं में लोग करते थे.
हालांकि इस पर वैज्ञानिकों के मत अलग हैं. फोटो देखने पर लगता है कि वो कोई चट्टान है, जो मौसमी हलचल की वजह से इस आकार में बन गई. मंगल पर तेज हवाएं चलती हैं, जिस वजह से मिट्टी का क्षरण होता है. उनकी वजह से चट्टानों का निर्माण होता रहता है. ये इमेज माउंट शार्प के आसपास की है, जहां पर कई चट्टानें हैं.