सुप्रीम कोर्ट बोला- पहलवान उच्च न्यायालय जा सकते हैं

नई दिल्ली . सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को तीन महिला पहलवानों की याचिका पर कार्यवाही बंद कर दी. महिला पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं. पहलवानों की मांग थी कि कोर्ट की निगरानी में जांच हो, पर शीर्ष अदालत ने कहा, हाईकोर्ट या निचली अदालत जा सकते हैं.
कोर्ट ने इससे पहले इस बात का संज्ञान लिया कि मामले में प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है और सात शिकायतकर्ताओं को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान कर दी गई है. मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने पहलवानों के वकील की इस मौखिक याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया कि इस मामले में चल रही जांच पर किसी उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त या सेवारत न्यायाधीश निगरानी रखें.
सुप्रीम कोर्ट ने बंद किया केस
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद बाहर आए पहलवानों के वकील ने कहा कि आरोपी पीड़िताओं की पहचान टीवी पर उजागर कर रहा है. आज पहलवानों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा हमारी याचिका एफआईआर दर्ज करवाने के लिए थी और पुलिस ने पहलवानों को सुरक्षा मुहैया कराकर बृजभूषण के खिलाफ FIR दर्ज कर लिया है. इसके अलावा अगर कोई समस्या हो तो हम हाईकोर्ट या मजिस्ट्रेट की अदालत में जा सकते हैं.
पीठ ने कहा कि अब यदि आपको अन्य कोई शिकायत है तो आप सीआरपीसी की धारा 482 के तहत उच्च न्यायालय या संबंधित मजिस्ट्रेट के पास जा सकते हैं. शीर्ष अदालत ने कहा कि हम यह नहीं कह रहे कि यह मॉनिटरिंग लायक नहीं है इसके लिए आप मजिस्ट्रेट कोर्ट या हाईकोर्ट में आवेदन कर सकते हैं. आरोपी बृजभूषण शरण की ओर से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे पेश हुए और उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ व्यक्तिगत आरोप लगाए जा रहे हैं, जबकि वे मौजूद नहीं हैं. हालांकि, कोर्ट ने उन्हें ज्यादा नहीं सुना.
खिलाड़ी बोले- पदक और पुरस्कार लौटा देंगे
जंतर-मंतर पर बुधवार देर रात पुलिस और पहलवानों के बीच झड़प के बाद खिलाड़ियों ने मेडल लौटाने की धमकी दी है. उन्होंने कहा, इस तरह अपमान से पुरस्कारों का कोई मतलब नहीं है. इधर,सुप्रीम कोर्ट के फैसले को प्रदर्शनकारी पहलवानों ने किसी तरह का झटका मानने से इनकार करते हुए गुरुवार को कहा कि वे अपना विरोध जारी रखेंगे.