
अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड (International Surajkund Fair) मेले की शुरूआत 3 फरवरी से होने वाली है. 36वां अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेला 3 से 19 फरवरी तक चलने वाला है. जिसकों लेकर बड़े जोर शोर से तैयारियां चल रही है. इस बार सूरजकुंड मेला और ज्यादा भव्य होने वाला है. मेले में 8 पूर्वोतर राज्यों के मुख्यमंत्री और राज्यपाल शिरकत करने वाले है. साथ ही 45 देशों के आर्टिस्ट के भी शामिल होने की संभावना है.
उपराष्ट्रपति करेंगे मेले का शुभारंभ
36वां अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले का शुभारंभ इस बार देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ करने वाले है. सूरजकुंड मेले को लेकर भव्य तैयारियां की जा रही है. पूरे मेला परिसर में CCTV कैमरों द्वारा नजर रखी जाने वाली है. इसके साथ-साथ पूरे मेला परिसर में चप्पे-चप्पे पर पुलिसकर्मियों को तैनात किया जाएगा. सूरजकुंड मेले की हर साल की थीम अलग होती है. उसी थीम पर इसे सजाया जाता है. इस बार G-20 शिखर सम्मेलन की वजह से इस मेले में भीड़ बढ़ने वाली है. खासकर विदेशी पर्यटकों की संख्या इस बार अच्छी खासी बढ़ने वाली है.
मेले में मिलेंगे अलग-अलग पकवान
अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले का उद्देश्य स्थानीय कलाओं को बढ़ावा देना है. यहां जाने पर आप कई तरह के व्यंजनों का लुत्फ उठा सकते है. इस बार यहां आने वाले टूरिस्ट मणिपुर की चाहाओ खीर और मेघालय की फ्रूटचाट के अलावा त्रिपुरा की भंगुई बिरयानी का स्वाद भी ले सकेंगे. इस अलावा हरियाणा की बाजरे की रोटी और कढ़ी का स्वाद ले सकेंगे. इस बार खाने के फूड कोर्ट भी संख्या की बढ़ाई गई है.
वही आपको बता दें कि अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले की शुरुआत 1987 में हुई थी. मेले में आप टिकट के जरिए धूम सकते है. यहां देश और विदेश से लाखों पर्यटक हर साल धूमने आते है. मेले में आप 50-100 रुपए के आइटम से लेकर हजारों रुपए तक के अच्छी चीजें खरीद सकते है.
40 से अधिक देश लेंगे हिस्सा
मेले में इस बार लोगों को अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, सिक्किम व त्रिपुरा राज्यों से विरासत व संस्कृति से रूबरू होने का मौका मिलेगा. मेले में 40 से अधिक देश भागीदारी करेंगे. शंघाई कॉरपोरेशन से कजाकिस्तान, चाइना, किर्गिस्तान, रसिया, तजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, मंगोलिया, ईरान, तुर्की, सऊदी अरेबिया, श्रीलंका, नेपाल, आर्मेनिया, कंबोडिया, म्यांमार, यूएई, मालद्वीप आदि देश मेले में आ रहे हैं. बांग्लादेश, भूटान, इरिट्रिया, इथोपिया, घाना, लेबनान, मोजाम्बिक, नाइजीरिया, सूडान, सीरिया, तिमोर-लेस्ते, ट्यूनीशिया, लाओस, वियतनाम, थाईलैंड, कोमोरोस, अफगानिस्तान, सेशेल्स, मेडागास्कर, केमरून, साउथ अफ्रीका, जोर्डन, युगांडा आदि देशों के कलाकार व शिल्पकार भी मेले में पहुंच रहे हैं.