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ज्ञानवापी सर्वे में मंदिरों के प्रतीक चिह्न मिले

वाराणसी . एएसआई की टीम को ज्ञानवापी परिसर के सर्वे के दौरान शनिवार को तहखाने में हिन्दू देवी-देवताओं के चिह्नों के साथ ही खंडित मूर्तियां और खम्भे मिले हैं. यह दावा हिंदू पक्ष के वकील अनुपम द्विवेदी ने किया. टीम ने जीएनएसएस मशीन से तहखाने का थ्री-डी इमेज तैयार किया. यह मशीन सेटेलाइट की मदद से संचालित होती है.

अनुपम द्विवेदी ने बताया कि एएसआई के अतिरिक्त महानिदेशक डॉ. आलोक त्रिपाठी के नेतृत्व में 53 सदस्यीय टीम सुबह विश्वनाथधाम के मुख्य प्रवेश द्वार पर पहुंची. इस दौरान अंजुमन इंतेजामिया के संयुक्त सचिव एमएस यासीन की अगुवाई में अधिवक्ता मौजूद रहे. ढांचे के केयर टेकर मो. एजाज ने पूरे परिसर की चाबी एएएसआई अधिकारियों को सौंप दी. टीम ने 830 बजे सर्वे शुरू किया. सर्वे की शुरुआत ढांचा के सभागार से हुई. यहां हिन्दू मंदिरों की स्थापत्य शैली में बने फूल, देवी-देवताओं के चिह्न मिले. आंगन के खम्भों और दीवारों पर उभरीं जंजीर, घंटियां, कमल के फूल, त्रिशूल आदि की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी कराई गई. दूसरी टीम ने पश्चिमी दीवार के नीचे घास और मलबा हटवाया. उसे सुरक्षित करने के लिए मैटिंग हुई. सर्वे के दौरान मौजूद अंजुमन इंतेजामिया कमेटी के प्रतिनिधि टीम को जानकारियां भी दे रहे थे.

व्यासजी के तहखाने की फोटोग्राफी हुई

सर्वे के दौरान व्यास जी का तहखाना खोला गया. उसमें मिट्टी, पत्थर और लकड़ियों का काफी मलबा पड़ा था. इसकी फोटोग्राफी और वीडियाग्राफी कराई गई.

पश्चिमी दीवार पर उभरी मिली तीन फीट की मूर्ति

सर्वे के दौरान ज्ञानवापी की पश्चिमी दीवार के नीचे सफाई के दौरान तीन फीट उभरी एक मूर्ति सामने आई. नागर शैली में बनी मूर्ति के बाबत हिन्दू पक्ष का कहना था कि मूर्ति खंडित थी. दीवार से सटी मूर्ति आधा मनुष्य और आधा पशु की आकृति में दिख रही थी.

 

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