शेयर बाजार में खरीद-बिक्री के लिए टी प्लस वन व्यवस्था लागू होगी

शेयर बाजार में सौदा करना आपके लिए अब और आसान होने जा रहा है. इस माह 27 तारीख से भारतीय शेयर बाजार में सौदे के निपटान के लिए टी प्लस वन व्यवस्था लागू होने जा रही है. इससे शेयरों की खरीद-बिक्री का निपटान सौदे के अगले दिन यानी 24 घंटे में हो जाएगा.
वर्तमान समय में देश के शेयर बाजार में टी प्लस 2 व्यवस्था लागू है जिससे सौदे की प्रक्रिया पूरी होने में अधिक समय लगता है. एनएसई के एक सर्कुलर में कहा गया है कि टी+1 सेटलमेंट में शिफ्ट होने वाली सिक्योरिटीज की लिस्ट के संबंध में एक्सचेंज से आगे कोई सर्कुलर नहीं जारी किया जाएगा.
माना जा रहा है कि इससे छोटे निवेशक शेयर बाजार की ओर और ज्यादा आकर्षित होंगे. हालांकि, बाजार विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि टी प्लस वन व्यवस्था से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों द्वारा शीर्ष शेयरों में ट्रेडिंग वॉल्यूम प्रभावित होने की संभावना है.
मामले से जुड़े एक सूत्र ने कहा कि एफपीआई लेनदेन की संख्या घटा सकते हैं. उनका कहना है कि जब भी किसी क्षेत्र के बाजार की गतिशीलता में एक महत्वपूर्ण बदलाव होता है जिसमें वह निवेश करते हैं, तो एफपीआई या तो निवेश रोक लेते हैं या लेनदेन की संख्या को अस्थायी रूप से सीमित कर देते हैं. हालांकि, उनका यह भी कहना है कि इससे घरेलू और खासकर छोटे निवेशकों का रुझान बढ़ेगा.
क्या है टी प्लस वन
यहां टी का मतलब ट्रेडिंग यानी सौदे के दिन से है. वर्तमान में शेयरों की खरीद-बिक्री पर निवेशक के खाते में शेयर या पैसा आने में सौदे के दिन के अलावा दो दिन लगते हैं जिसे टी प्लस 2 कहते हैं. इस तरह व्यावहारिक रूप के एक सौदा तीन दिन में पूरा होता है. इसे टी प्लस वन करने से सौदे के अगले दिन ही सभी प्रक्रिया पूरी हो जाएगी.
क्या होगा फायदा
विशेषज्ञों का कहना है कि टी प्लस वन से खासकर छोटे निवेशकों को लाभ होगा. सौदा एक दिन में पूरा होने से उनके खाते में राशि या शेयर अगले दिन आ जाएगी. इससे वह जल्द नए शेयर खरीदने या बेचने की स्थिति में रहेंगे. इसके अलावा उनकी पूंजी ज्यादा समय के लिए नहीं फंसी रहेगी. ऐसे में वह मौजूदा व्यवस्था के मुकाबले ज्यादा खरीद-बिक्री कर पाएंगे
20 साल बाद बदलाव
इसके पहले एक अप्रैल 2003 को टी प्लस 3 से टी प्लस 2 व्यवस्था में देश के शेयर बाजार ने प्रवेश किया था. अब टी प्लस वन व्यवस्था के साथ भारत दुनिया के चुनिंदा बाजारों में शामिल हो जाएगा. मौजूदा समय में दुनिया में ज्यादातर देशों के शेयर बाजार में टी प्लस 2 व्यवस्था लागू है.