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अमेरिका में सिलिकॉन वैली बैंक के बंद होने से भारतीय स्टार्टअप सेक्टर में असर

अमेरिका में सिलिकॉन वैली बैंक के बंद होने का असर भारतीय स्टार्टअप की दुनिया पर पड़ सकता है. तकनीक से जुड़ी कंपनियों और स्टार्टअप पर आंकड़े जुटाने वाली एजेंसी ट्रैक्सन डाटा के अनुसार बैंक ने भारत में करीब 21 स्टार्टअप में निवेश किया हुआ है.

रिपोर्ट के मुताबिक, बैंक का भारत में सबसे अहम निवेश एसएएएस-यूनिकॉर्न आईसर्टिस में है. स्टार्टअप कंपनी इस बैंक से पिछले साल अक्तूबर से 15 करोड़ डॉलर की पूंजी जुटाने में सफल रही है. इसके अलावा बैंक ने ब्ल्यूस्टोन, पेटीएम, वन97 कम्युनिकेशन्स, पेटीएम मॉल, नापतोल, कारवाले, शादी, इनमोबि और लॉयल्टी रिवार्ड्ज में भी निवेश किया हुआ है. वेंचर कैपिटल कंपनी एस्सेल पार्टनर्स के भी बैंक से कुछ समझौते हैं. हालांकि, इनमें निवेश की गई राशि की जानकारी स्पष्ट नही है. वहीं, अमेरिका में कई स्टार्टअप के सीईओ भारतीय हैं. स्टार्टअप अपना पैसा इस बैंक में रखना ही पसंद करते हैं.

अमेरिका का 16वां सबसे बड़ा बैंक बंद अमेरिका के सबसे बड़े बैंकों में शामिल सिलिकॉन वैली बैंक को बंद करने के आदेश दे दिए गए हैं. हाल में बैंक के शेयरों में 66 फीसदी की गिरावट दर्ज होने के बाद इसे कारोबार से रोक दिया गया था. इसके बाद बुधवार से इसके शेयर बुरी तरह गिरने लगे. इस वजह से शुक्रवार को अमेरिकी बैंकिंग नियामकों ने बैंक को बंद करने का आदेश दिया. यह अमेरिका का 16वां सबसे बड़ा बैंक है.

बैंकिंग क्षेत्र में 2008 के बाद दूसरा बड़ा झटका

अमेरिका में बैंकिंग सेक्टर का सबसे बड़ा संकट वर्ष 2008 में आया था. इस साल बैंकिंग फर्म लेहमन ब्रदर्स ने खुद को दिवालिया घोषित कर दिया था. इसके बाद दुनिया में मंदी छा गई थी. वहीं ट्विटर के सीईओ एलन मस्क ने कहा कि उन्होंने सिलिकॉन वैली बैंक को खरीदने के लिए अपने विकल्प खुले रखे हैं.

ग्राहकों को नए बैंक से मिलेगा अपना जमा पैसा

बैंक बंद करने के साथ ही फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (एफडीआईसी) को बैंक का रिसीवर नियुक्त किया गया है. एफडीआईसी एक नया बैंक नेशनल बैंक ऑफ सांता क्लारा बनाया है, जो सिलिकॉन वैली बैंक की सभी संपत्तियां रखेगा. इसके जरिये ग्राहकों को अपना जमा पैसा दिया जाएगा.

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