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आतंकियों ने युवक को नौ टुकड़ों में काटा था

नई दिल्ली . स्पेशल सेल द्वारा गिरफ्तार आतंकियों ने अपनी क्षमता को दिखाने के लिए एक अंजान युवक के नौ टुकड़े किए थे. इस बात का खुलासा आतंकियों ने किया है. वहीं, पुलिस ने मृतक युवक की पहचान भी कर ली है. फिलहाल शव के अन्य टुकड़े बरामद करने के लिए पुलिस भलस्वा डेरी इलाके में तलाश कर रही है.

स्पेशल सेल के एडिशनल सीपी प्रमोद कुशवाहा ने रविवार को बताया कि स्पेशल सेल ने 12 जनवरी को जहांगीरपुरी इलाके से दो आतंकियों को गिरफ्तार किया था. इनकी पहचान नौशाद और जगजीत के तौर पर हुई. नौशाद आतंकी संगठन लश्कर ए तैय्यबा, आईएसआई और जगजीत कनाडा में स्थित अर्शदीप डल्ला से जुड़ा हुआ था. दोनों आतंकियों ने हिंदू संगठन से जुड़े नेताओं को निशाना बनाने का जिम्मा सौंपा गया था, लेकिन आंतकी संगठनों ने दोनों से अपनी क्षमता और प्रतिबद्धता दिखाने के लिए कहा. इसके बाद दोनों आरोपियों से हत्या कर उसका वीडियो बनाने के लिए कहा गया. दोनों आतंकियों ने जहांगीरपुरी इलाके से राजकुमार नाम के युवक को अपना निशाना बनाया. धार्मिक चिन्ह त्रिशूल देखकर युवक को चुना. चूंकि वह फुटपाथ पर रहता था इसलिए उसकी हत्या करना आसान था. आरापी जल्द ही हिंदू संगठन के नेताओं की हत्या की तैयारी में थे. इस गिरफ्तारी का भाजपा की पूर्व नेता नुपूर शर्मा के मामले से कोई संबंध नहीं है.

खून के धब्बों से हुआ वारदात का खुलासा

शुक्रवार शाम को भलस्वा डेरी स्थित मकान से फ्रिज और खून के धब्बे बरामद हुए थे और इसी जांच में खुलासा हुआ था. स्थानीय पुलिस ने जहांगीरपुरी इलाके में जब जांच की तब जाकर मृतक के बारे में जानकारी मिली. आरोपियों की निशानदेही पर सिर और हाथ के टुकड़े मिल गए हैं, लेकिन बाकी हिस्सों की तलाश की जा रही है. पुलिस अधिकारी ने बताया कि ये 26 जनवरी से पहले किसी घटना को अंजाम नहीं देने वाले थे.

जांच में सामने आया है कि दोनों आरोपी 15 दिसंबर को राजकुमार को नशा कराने का झांसा देकर अपने साथ लेकर भलस्वा स्थित मकान में गए थे. फिर राजकुमार का गला रेता और शव के नौ टुकड़े किए. इस दौरान एक शख्स वीडियो भी बनाता रहा, जिसे पाकिस्तान में बैठे अपने आका को भेजा. इस 37 सेकेंड के वीडियो के लिए उन्हें 5 लाख रुपये दिए गए थे. इससे पहले वे अक्सर उसे नशे के लिए स्मैक खरीदकर देते थे.

नौशाद और जगजीत की जेल में हुई थी मुलाकात

नौशाद और जगजीत की मुलाकात जेल में हुई थी. दोनों जेल से बाहर आने के बाद साथ काम करने लगे. दोनों जल्द ही आतंकी संगठनों से जुड़ कर देश विरोधी गतिविधियों में शामिल हो गये. पुलिस इनके सहयोगियों की तलाश में छापेमारी कर रही है. इन सभी पर यूएपीए के तहत कार्रवाई कर रही है.

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