
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि डिजिटल इंडिया का दम दुनिया देख रही है. ऑनलाइन चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने वाले ऐप ई-संजीवनी की करोड़ों लोगों तक पहुंच डिजिटल क्रांति की शक्ति को दर्शाती है. 10 करोड़ से अधिक लोग अब तक इस सुविधा का लाभ उठा चुके हैं.
रेडियो पर अपने मासिक कार्यक्रम मन की बात की 98वीं कड़ी में उन्होंने कहा कि ई-संजीवनी ऐप आम आदमी और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वालों के लिए जीवन रक्षक ऐप बन गया है. देश के लोगों ने तकनीक को कैसे जीवन का हिस्सा बनाया है, ये इसका जीता-जागता उदाहरण है.
टेलीकंसल्टेशन बड़ा वरदान प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में ई-संजीवनी ऐप से टेलीकंसल्टेशन एक बड़ा वरदान साबित हुआ. उन्होंने इस दौरान एक चिकित्सक और एक मरीज से भी संवाद किया.
मोदी ने देश की डिजिटल भुगतान प्रणाली यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) का भी उल्लेख किया और कहा कि कई देश इसमें दिलचस्पी दिखा रहे हैं. भारत -सिंगापुर के बीच हाल में डिजिटल लेन-देन लिंक सेवा शुरू हुई है.
कचरे से कंचन का प्रयास सफल प्रधानमंत्री ने कचरे से कंचन की अवधारणा को स्वच्छ भारत अभियान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बताया. उन्होंने ओडिशा के केंद्रपाड़ा में स्वसहायता समूह चलाने वाली कमला मोहराना का उदाहरण देते कहा कि इस समूह की महिलाएं टोकरी, मोबाइल स्टैंड जैसी वस्तुएं दूध के पाउच और अन्य प्लास्टिक पैकिंग सामग्री से बनाती हैं. इससे उनको अच्छी आमदनी हो रही है और स्वच्छता भी बढ़ रही है.
प्लास्टिक की जगह कपड़े के थैलों का इस्तेमाल करें
प्रधानमंत्री ने लोगों से देश को स्वच्छ बनाने में योगदान करने और प्लास्टिक थैलों की जगह कपड़ों के थैलों का इस्तेमाल करने की अपील की. उन्होंने हरियाणा के दुल्हेड़ी गांव के सफाई अभियान का उल्लेख करते हुए कहा कि ग्रामीणों ने वहां युवा स्वच्छता एवं जनसेवा समिति का गठन किया.
‘वोकल फॉर लोकल’ के संकल्प से मनाएं होली
नरेंद्र मोदी ने लोगों को होली की अग्रिम मुबारकबाद दी. साथ ही लोगों से अनुरोध किया कि वे वोकल फॉर लोकल के संकल्प के साथ त्योहार मनाएं. इससे न केवल स्थानीय वस्तुओं के उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी सृजित होते हैं.