
देश की सेमी हाई स्पीड वंदे भारत ट्रेनों के निर्माण में रूसी कंपनी स्वदेशी कंपनियों को चुनौती दे रही है. दरअसल, केंद्र सरकार की पूर्व घोषणा के तहत 200 ऐसी ट्रेनों के निर्माण के लिए पांच वैश्विक कंपनियों ने बोली लगाई है. रूसी कंपनी एक वंदे भारत ट्रेन 120 करोड़ में बनाने की बोली लगाकर लोवेस्ट-1 (एल-1) है. वहीं, एल-2 ने एक वंदे भारत को बनाने के लिए 140 करोड़ की बोली लगाई है.
रेलवे बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सबसे कम बोली लगाने वाली रूस की कंपनी यानी एल-1 को 120 वंदे भारत ट्रेनें बनाने के लिए दी जाएंगी. जबकि एल-2 बोली लगाने वाली कंपनी को 80 वंदे भारत बनाने को मिलेगी.
उन्होंने बताया कि 478 वंदे भारत ट्रेनों को कम समय में बनाने के लिए एल-2 कंपनी को भी काम दिया जाएगा. हालांकि, एल-2 कंपनी को एल-1 कंपनी की कीमत पर ही निर्माण करना होगा. यानी एल-2 कंपनी अपनी बोली 140 करोड़ के बजाय 120 करोड़ प्रति ट्रेन के अनुसार वंदे भारत का उत्पादन करेगी.
वंदे भारत स्लीपर ट्रेन 16 कोच का होगा और ये ट्रेन लंबी दूरी के लिए चलाई जाएगी. इन कोचों को रेलवे की फैक्ट्री महाराष्ट्र के लातूर और चेन्नई के आईसीएफ में तैयार किया जाएगा. सबसे कम बोली लगाने वाले बिडर को रखरखाव, मेंटिनेंस और अन्य काम सौंपा जाएगा और ये कंपनी लातूर फैक्ट्री में इसका निर्माण करेगी. दूसरे सबसे कम बोली लगाने वाली कंपनी 80 वंदे भारत ट्रेनों का निर्माण चेन्नई में करेगी.