
G 20 की सुरक्षा को लेकर तैयारी काफी जोर-शोर से चल रही है. इसके लिए जहां सुरक्षा में तैनात कर्मियों को अत्याधुनिक उपकरणों व हथियारों से लैस किया जा रहा है, वहीं उन्हें सेना की तर्ज पर कड़ी कमांडो ट्रेनिंग भी दी जा रही है. इसके लिए एकसाथ दो हजार दिल्ली पुलिसकर्मियों की ट्रेनिंग हो रही है. यह ट्रेनिंग दिल्ली पुलिस द्वारा राजस्थान के अलवर में खोले गए पहले आवासीय कमांडो ट्रेनिंग सेंटर में दी जा रही है. ट्रेनिंग में अर्धसैनिक बलों के जवान के साथ महिला जवान को भी शामिल किया है.
आतंकी वारदात से निपटने की विशेष ट्रेनिंग कमांडो ट्रेनिंग में दिल्ली पुलिसकर्मियों को खासतौर से आतंकवाद हमले के दौरान उससे निपटने की विशेष ट्रेनिंग दी जा रही है. उन्हें अत्याधुनिक हथियारों की ट्रेनिंग के साथ-साथ मार्शल आर्ट और हैंड टू हैंड कॉम्बैट की ट्रेनिंग दी जा रही है. हथियार चलाने का प्रशिक्षण देने के साथ-साथ ग्लाक 9एमएम पिस्टल, ब्राउनिंग 9एमएम पिस्टल, इंसास राइफल, एके-47 राइफल, 7.62 राइफल, हेकलर एंड कोच एमपी-5 गन व स्नाइपर राइफल से निशाना लगाने का प्रशिक्षण शामिल है.
दिल्ली पुलिस का यह पहला आवासीय कमांडो ट्रेनिंग सेंटर अलवर जिले के अभानपुर गांव के पास करीब 91 एकड़ भूमि पर तैयार किया गया. यह विश्वस्तरीय कमांडो ट्रेनिंग सेंटर है. यहां पर दिल्ली पुलिस के जवानों को तीन माह की विशेष ट्रेनिंग की व्यवस्था की गई है. दिल्ली पुलिस को 2013 में अलवर में प्रशिक्षण केंद्र खोलने के लिए जमीन अवांटित हुई थी.
भीड़ नियंत्रण करने के बताए जा रहे गुर
प्रशिक्षण के दौरान मुख्य रूप से भीड़ नियंत्रण के दौरान किन-किन सावधानियों को बरतते हुए फायरिंग करनी है, शरीर के किस अंग को निशाना बनाना है, भीड़ के ऊपर आंसू गैस छोड़ने, वीआईपी की सुरक्षा के दौरान भीड़ से वीआईपी को कैसे निकाले आदि की जानकारी दी जा रही है.