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राज्य राजी हों तो जीएसटी में लाएंगे पेट्रो पदार्थ केंद्र वित्त मंत्री

नई दिल्ली . वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि अगर राज्य सहमत हों तो पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाया जा सकता है. जीएसटी परिषद की 49वीं बैठक 18 फरवरी, 2023 को नई दिल्ली में होने वाली है. उद्योग मंडल पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) के सदस्यों के साथ बजट-बाद बैठक में वित्त मंत्री ने यह आश्वासन दिया.

वित्त मंत्री ने कहा कि पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी में लाने के लिए प्रावधान पहले से ही उपलब्ध है. मेरे पूर्ववर्ती ने पहले ही विकल्प खुला रखा था. पांच पेट्रोलियम उत्पाद जिसमें पेट्रोलियम क्रूड,पेट्रोल, हाई स्पीड डीजल, प्राकृतिक गैस और विमान ईंधन (एटीएफ) को अस्थायी रूप से जीएसटी से बाहर रखा गया है. वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी परिषद उसकी तारीख तय करेगी कि कब से उसे जीएसटी में शामिल किया जाएगा. इसलिए, ऐसा नहीं है कि हम इसे जीएसटी में शामिल करना नहीं चाहते हैं.

वित्त मंत्री ने कहा,जीएसटी परिषद को जो करना है, वह एक दर निर्धारित करना है और एक बार जब वह मुझे दर बता देते हैं, तो हम इसे जीएसटी में शामिल कर लेते हैं.

आर्थिक वृद्धि के लिए पूंजीगत खर्च पर जोर वित्त मंत्री ने इसी कार्यक्रम में कहा कि सरकार ने 2023-24 के बजट में पूंजीगत व्यय को 33 फीसदी बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये कर दिया.

उन्होंने कहा, पिछले तीन-चार वर्षों से लगातार, सार्वजनिक पूंजीगत व्यय पर जोर दिया गया है. हमने इस बजट में इसे ऊपर रखा है. उन्होंने आगे कहा कि राज्यों को बिजली सहित विभिन्न क्षेत्रों में सुधारों को आगे बढ़ाने और ‘एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड’ योजना को लागू करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है.

30 लाख टन की बिक्री

खुले बाजार में 30 लाख टन गेहूं बेचने की योजना की घोषणा की थी. 30 लाख टन में से भारतीय खाद्य निगम ई-नीलामी के माध्यम से आटा चक्की जैसे थोक उपभोक्ताओं को 25 लाख टन गेहूं बेचेगा और दो लाख टन राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को दिया जाएगा.

बफर स्टॉक खोला

केंद्र सरकार ने कीमतों पर अंकुश के लिए इस साल जनवरी में मुक्त बाजार बिक्री योजना की नीति के तहत अपने बफर स्टॉक को खोला गया है.

नरमी के प्रभाव का आकलन करें निर्यातक

निर्मला सीतारमण ने कहा कि निर्यातकों को नए सुझावों को लेकर खुले मन से गौर करने के साथ विदेशों में मंदी या नरमी उनके लिए कैसी होगी, उसका आकलन करना चाहिए. उन्होंने कहा कि बाहरी अनिश्चितताओं को लेकर कुछ नहीं कहा जा सकता है और इसीलिए यह चुनौतीपूर्ण है. महामारी के बाद, युद्ध के बाद और बार-बार वायरस के मामले आने के साथ, अनिश्चितताओं से निपटने के लिए कोई तय नियम नहीं है.

थोक और खुदरा बाजार में गेहूं की कीमतों में करीब पांच रुपये प्रति किलोग्राम की कमी आई है. केंद्रीय खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने बुधवार को इसकी जानकारी देते हुए कहा कि केंद्र के खुले बाजार में गेहूं बेचने के फैसले के बाद गेहूं के दाम घटे हैं. खाद्य सचिव ने यह भी कहा कि जरूरत पड़ने पर कीमतों में और कमी लाने के लिए सरकार अन्य विकल्पों पर भी विचार कर सकती है.

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