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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ले सकता है बड़ा एक्शन , ई-फार्मेसी पर लगाम कसने की तैयारी

ई-फार्मेसी को लेकर केंद्र के तेवर सख्त है. सरकार ई-फार्मेसी पर लगाम कसने की तैयारी कर रही है. केंद्र का मानना है कि ई-फॉर्मेसी ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स कानून के नियमों का उल्लंघन है.

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, करीब 20 ई-फार्मेसी कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं. ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) की तरफ से जारी इन नोटिस में कहा गया है कि ई-फार्मेसी नियमों का उल्लंघन है. डीसीजीआई ने कहा है कि इस तरह की बिक्री में अनुसूची एच, एचआई और एक्स में निर्दिष्ट दवाएं शामिल हैं, जिन्हें केवल एक पंजीकृत डॉक्टर के वैध प्रिस्क्रिप्शन के तहत बेचने की इजाजत है. यह दवाइयां पंजीकृत फार्मासिस्ट की देखरेख में आपूर्ति की जाती हैं.

20 से अधिक ऑनलाइन फार्मेसी को नोटिस जारी

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, ई-फार्मेसी ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 की विभिन्न धाराओं का उल्लंघन कर रही हैं. सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) ने 20 से अधिक ऑनलाइन फार्मेसी और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म को कारण बताओ नोटिस जारी किया, जिसमें कुछ बड़ी कंपनियां जैसे Tata1mg, Practo, Apollo Amazon, Flipkart, आदि शामिल हैं.

एआईओसीडी ने आगे कहा कि ऑनलाइन ऐप से नारकोटिक ड्रग्स, गर्भावस्था अवसान किट, एंटीबायोटिक्स और शामक दवाओं तक पहुंच आसान हो गई है और इसकी अंतरराज्यीय आपूर्ति सीधे रोगियों को होती है. सरकार से कहा गया कि राज्य एफडीए द्वारा इसका पता लगाना और ट्रैक करना बहुत मुश्किल हो गया है.

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