
केंद्र सरकार ने शनिवार को राज्यों से कहा है कि वे इंफ्लुएंजा-ए के उप-स्वरूप एच3एन2 (हांगकांग फ्लू) और कोरोना के बढ़ते मामलों की कड़ी निगरानी करें और सतर्क रहें. देश में हांगकांग फ्लू के मामलों में वृद्धि के बीच कुछ राज्यों में कोरोना संक्रमण दर में क्रमिक बढ़ोतरी को लेकर चिंता जताते हुए केंद्र ने यह बात कही.
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे पत्र में इंफ्लुएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) या गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण (एसएआरआई) के मामलों के रूप में पेश होने वाले श्वसन संबंधी रोगों की निगरानी के लिए दिशानिर्देशों का पालन करने को कहा है.
अस्पताल तैयारी रखें राज्यों से दवाओं और मेडिकल ऑक्सीजन की उपलब्धता, कोरोना और इंफ्लुएंजा के खिलाफ टीकाकरण जैसी अस्पताल की तैयारियों का जायजा लेने का भी अनुरोध किया गया है.
संक्रमण दर में क्रमिक वृद्धि चिंतनीय पत्र में कहा गया है कि बीते कुछ महीनों में कोरोना के मामले कम होते जा रहे हैं लेकिन कुछ राज्यों में संक्रमण दर में क्रमिक वृद्धि हुई है. यह काफी चिंता की बात है और इससे तेजी से निपटा जाना चाहिए. भूषण ने अपने पत्र में कहा कि नए मामलों की कम संख्या, अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में कमी और कोरोना टीकाकरण के मामले में महत्वपूर्ण प्रगति के बावजूद सतर्क रहने की जरूरत है. उन्होंने पत्र में राज्यों से कहा कि जांच, इलाज और टीकाकरण पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए और कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन किए जाने की जरूरत है.
पुडुचेरी, ओडिशा में अब तक 129 केस मिले
पुडुचेरी में एच3एन2 के अब तक 79 पॉजिटिव मामले सामने आए हैं. चिकित्सा सेवा निदेशक जी श्रीरामुलु ने कहा, अब तक इससे कोई मौत नहीं हुई है. उधर, ओडिशा में जनवरी और फरवरी में 59 पॉजिटिव मामले सामने आए हैं.
गुजरात में एच1एन1 से एक व्यक्ति की मौत
गुजरात में एच1एन1 से पीड़ित एक मरीज की शनिवार को मौत हो गई. प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने यह जानकारी दी. उन्होंने कहा, राज्य में 10 मार्च तक एच3एन2 के तीन मामले मिले हैं. वहीं, राज्य में अब तक एच1एन1 के 77 मामले सामने आ चुके हैं. उन्होंने कहा, घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि सरकार लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रही है. हर स्तर पर इसकी कड़ी निगरानी की जा रही है.
बच्चों-बुजुर्गों में खतरा सबसे अधिक
स्वास्थ्य सचिव ने कहा, विभिन्न लैब में विश्लेषण किए जा रहे नमूनों में एच3एन2 विशेष रूप से चिंता का विषय है. यह ध्यान रखा जाना चाहिए कि बच्चे, बुजुर्ग और गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लोगों में एच1एन1, एच3एन2 का अधिक खतरा है. लोगों को स्वच्छता के बारे में जागरूक करना जरूरी है.