
रेल यात्रियों के बीच आकर्षण का केंद्र बनी वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का स्लीपर संस्करण 220 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार के लिए डिजाइन किया जाएगा. एल्युमीनियम से बनी ये ट्रेन पटरियों पर 200 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ेंगी.
बैठकर यात्रा करने की सुविधा से युक्त वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें चरणबद्ध तरीके से शताब्दी एक्सप्रेस को हटाकर चलाई जाएंगी जबकि स्लीपर संस्करण राजधानी एक्सप्रेस ट्रेनों का विकल्प बनने जा रहा है. इसके लिए रेलवे ने 400 वंदे भारत ट्रेनों को बनाने का टेंडर जारी कर दिया और जनवरी में ही काम को मंजूरी दे दी जाएगी.
रेलवे बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार, 400 वंदे भारत ट्रेनों के उत्पादन के लिए देशी-विदेशी चार बड़ी कंपनियां सामने आईं हैं. टेंडर में ट्रेनों का डिजाइन, निर्माण और रखरखाव शामिल है. योजना के मुताबिक प्रथम 200 वंदे भारत ट्रेनें शताब्दी एक्सप्रेस की तर्ज पर केवल बैठकर यात्रा करने की सुविधा वाली होंगी. सभी वंदे भारत ट्रेनों का डिजाइन 180 किलोमीटर प्रतिघंटा के हिसाब से बनाया जाएगा, लेकिन रेल पटिरयों की अपर्याप्त संरक्षा-सुरक्षा को देखते हुए उनकी रफ्तार 130 किलोमीटर प्रतिघंटा रहेगी. यह ट्रेनें स्टील की होंगी.
200 ट्रेन स्लीपर होंगी दूसरे चरण में 200 वंदे भारत ट्रेनें स्लीपर होंगी और उनको एल्युमीनियम से बनाया जाएगा. उन्होंने बताया कि स्लीपर वंदे भारत ट्रेनें अधिकतम 200 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ेंगी. इसके लिए दिल्ली-मुंबई, दिल्ली-कोलकाता रेलमार्गों की पटरियों को दुरुस्त किया जा रहा. सिग्नल प्रणाली, पुलों को ठीक करने और बाड़ लगाने का काम चल रहा है, जिससे वंदे भारत ट्रेनों को सेमी हाई स्पीड पर चलाया जा सकेगा. इसके अलावा 1800 करोड़ रुपए की लागत से दोनों रेल मार्गों पर टक्कर रोधी तकनीक कवच लगाया जा रहा.
चेन्नई में उत्पादन किया जाएगा 400 ट्रेनों का उत्पादन चेन्नई स्थित आईसीएफ, लातूर (महाराष्ट्र) रेल फैक्ट्री और सोनीपत फैक्ट्री (हरियाणा) में किया जाएगा. रेलवे ने दो साल में 400 ट्रेनों को बनाने का लक्ष्य रखा है. 78 वंदे भारत एक्सप्रेस (बैठकर यात्रा की सुविधा से युक्त) को बनाने का काम पिछले वर्ष दिया जा चुका है.