
नई दिल्ली . लोकसभा ने बुधवार को महिला आरक्षण विधेयक पारित कर दिया. इसमें लोकसभा, विधानसभाओं में 33 सीट महिलाओं के लिए आरक्षित करने का प्रावधान है. यह अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की आरक्षित सीटों पर भी लागू होगा. इस मौके पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि 2029 चुनाव से पहले कोटा लागू होने की उम्मीद है.
विधेयक पर लोकसभा में चर्चा के दौरान शाह ने कहा कि 2024 लोकसभा चुनाव के बाद जनगणना होगी और उसके आधार पर परिसीमन आयोग आरक्षण के लिए सीटे निर्धारित करेगा. केंद्रीय गृहमंत्री ने इसे युग बदलने वाला विधेयक करार दिया. उन्होंने कहा कि महिला सशक्तीकरण की बात संविधान संशोधन से जुड़ी नहीं है. महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और सहभागिता तीनों बातें सरकार की सांस और प्राण हैं.
संविधान संशोधन लोकसभा ने नारी शक्ति वंदन अधिनियम विधेयक-2023 को 128वें संविधान संशोधन के रूप में मंजूरी दी. भाजपा, कांग्रेस समेत अधिकांश दलों ने इसका समर्थन किया. विरोध केवल एआईएमआईएम (ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन ) के असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ने किया. इसके दो सांसद हैं.
181 महिला सदस्य होंगी विधेयक पर लोकसभा में करीब आठ घंटे की चर्चा चली. नारी शक्ति वंदन विधेयक के कानून बन जाने के बाद 543 सदस्यों वाली लोकसभा में महिला सदस्यों की संख्या मौजूदा 82 से बढ़कर 181 हो जाएगी.
15 वर्ष के लिए प्रावधान विधेयक में फिलहाल 15 साल के लिए आरक्षण का प्रावधान किया गया है और संसद को इसे बढ़ाने का अधिकार होगा. दोनों सदनों की मंजूरी के बाद यह कानून का रूप लेगा. इसके बाद महिलाओं के लिए लोकसभा और विधानसभाओं में आरक्षण सुनिश्चित करेगा. हालांकि, इस पर प्रभावी अमल के लिए कुछ इंतजार करना होगा.
आज क्या राज्यसभा में चर्चा होगी
लोकसभा से पारित होने के बाद विधेयक को गुरुवार को राज्यसभा में लाया जाएगा. इसके लिए सदन में साढ़े सात घंटे का समय रखा गया है. उच्च सदन में चर्चा सुबह 11 बजे शुरू होगी. विभिन्न दलों के समर्थन को देखते हुए राज्यसभा में भी इस पर मुहर लगने की पूरी संभावना है.
आगे क्या राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा
राज्यसभा से पास होने के बाद इस विधेयक को राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा. राष्ट्रपति की स्वीकृति मिलने के बाद यह कानून बन जाएगा. लेकिन प्रभावी होने के लिए जनगणना एवं उसके बाद परिसीमन तक इंतजार करना होगा.