गोरखपुर में जर्जर छत का मलबा गिरने से छात्र की हालत नाजुक
कब जागेगा ‘बेशर्म’ सरकार का ‘निकम्मा’ सिस्टम?

गोरखपुर. मुख्यमंत्री के गृह जनपद गोरखपुर में एक बार फिर परिषदीय विद्यालय की दुर्दशा सामने आई है. विकास के दावे खोखले साबित होते नजर आ रहे हैं. विकास के नाम पर बच्चों के जान से खिलवाड़ किया जा रहा है. बच्चे मौत के साए में भविष्य गढ़ने पर मजबूर हैं. बावजूद सरकार और उसके नुमाइंदे गहरी नींद में हैं. लगता है वो नींद तब टूटेगी, जब कोई बड़ा हादसा होगा और हादसे में किसी की जान जाएगी और मौत की चीख उनके कानों तक पहुंचेगी. जिसका एक छोटा सा नमूना देखने को मिला है. स्कूल की छत से मलबा गिरने से एक छात्र गंभीर रूप से घायल हुआ है. जिसकी हालत नाजुक बनी हुई है. अगर उसे कुछ हुआ तो क्या उसकी जिम्मेदारी सरकार लेगी या फिर नंबर मात्र बताकर उसके जिंदगी की कौड़ियों के दाम में कीमत लगा देगी? बता दें कि चरगांवा विकास खंड के अंतर्गत चिलुआताल थाना क्षेत्र के बालापार ग्राम पंचायत स्थित कंपोजिट विद्यालय में शनिवार को बड़ा हादसा हुआ है. जर्जर छत से प्लास्टर गिरने के चलते एक छात्र गंभीर रूप से घायल हुआ है. घटना के बाद घायल छात्र को आनन-फानन में बीआरडी मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया, जहां उसकी हालत नाजुक बनी हुई है. हादसे की सूचना मिलते ही शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया.