
विदेशी जेलों में कैद 8000 से अधिक भारतीयों की स्वदेश वापसी के लिए विदेश मंत्रालय कई स्तरों पर कार्य कर रहा है. मंत्रालय ने कहा कि संबंधित देश में स्थित दूतावास इस मामले पर संबंधित सरकार से बात करते हैं.
इसके अलावा इस मुद्दे को उच्चस्तरीय बैठकों तथा विदेश यात्राओं के दौरान भी उठाया जा रहा है. मकसद भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ-साथ उन्हें देश वापस लाने के प्रयास सुनिश्चित करना भी है.
हाल में संसद में एक प्रश्न के उत्तर में विदेश मंत्रालय की तरफ से यह जानकारी प्रदान की गई है. इस जानकारी के अनुसार, विदेशी जेलों में इस समय 8343 नागरिक सजा काट रहे हैं. हालांकि सरकार ने इस आशंका से इनकार नहीं किया है कि यह संख्या ज्यादा भी हो सकती है, क्योंकि विदेशों से उन्हीं नागरिकों के बारे में सूचना आती है जब कैदी इस बारे में इच्छा प्रकट करता है. अन्यथा विदेशों में कैदी से जुड़ी जानकारी को गुप्त रखा जाता है.
नेपाल में 1222 भारतीय जेल काट रहे पड़ोसी देशों में बात करें तो नेपाल में 1222 भारतीय जेल काट रहे हैं. बांग्लादेश में यह संख्या 60, भूटान में 68, चीन में 170 तथा पाकिस्तान में 51 है. इनमें से सिर्फ बांग्लादेश के साथ ही कैदियों के हस्तांतरण को लेकर टीएसपी करार है. कुल 31 देशों के साथ भारत ने अब तक यह संधि की है.
भारतीय दूतावास सक्रिय है विदेश मंत्रालय के अनुसार, किसी भारतीय के गिरफ्तार होने की जैसी ही खबर मिलती है तो उस देश में दूतावास सक्रिय होता है. इसमें काउंसलर एक्सेस, कानूनी सहायता देने के साथ-साथ उस देश के अधिकारियों से संधि की शर्तों के अनुरूप वार्ता करना भी शामिल है. लेकिन अब इस मुद्दे को उच्चस्तरीय बैठकों, विदेश यात्राओं के दौरान भी उठाया जा रहा है. जैसे ही कोई मंत्री विदेश यात्रा पर जाते है या किसी देश का मंत्री भारत आता है तो इस दौरान कैदियों के मामले को उसके सामने रखा जाता है.
इसमें भारत की तरफ से सजा की माफी, उसके कम करने तथा कैदियों को भारत को सौंपने का अनुरोध किया जाता है. कई देशों के कैदी भारत में भी हैं. इसलिए दोनों देश एक-दूसरे के कैदियों की रिहाई पर भी फैसला लेते हैं.