
राजस्थान विधानसभा चुनावों में भाजपा सत्ता विरोधी माहौल का लाभ लेने के लिए नए चेहरों पर ज्यादा दांव लगा सकती है. साथ ही कांग्रेस के बड़े नेताओं को उनके ही क्षेत्र में घेरने के लिए अपने प्रमुख नेताओं को भी उतार सकती है. इनमें कुछ सांसदों के नाम भी हो सकते हैं. पार्टी सबसे पहले हारी हुई सीटों की पहली सूची जारी कर सकती है.
नड्डा-शाह ने उम्मीदवारों के नामों पर की चर्चा भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार देर रात जयपुर में राज्य के प्रमुख नेताओं के साथ चुनावी तैयारियों और उम्मीदवारों के नामों को लेकर भी चर्चा की है.
राज्य में खेमेबाजी के पेंच कसने के साथ इस बात पर भी विचार किया गया कि मुख्यमंत्री समेत कांग्रेस के प्रमुख नेताओं को उनके क्षेत्र में ही घेरा जाए. इसके लिए पार्टी अपने प्रमुख नेताओं को उतार सकती है. इसमें केंद्रीय मंत्री और सांसद भी शामिल हैं.
डी श्रेणी की सीटों पर ज्यादा ध्यान सूत्रों के अनुसार, पार्टी दो से तीन बार हारी हुई अपनी सबसे कमजोर यानी डी श्रेणी की सीटों को लेकर ज्यादा ध्यान दे रही है. डी श्रेणी में 19 सीटें हैं. सूत्रों के अनुसार, पार्टी ने हारी हुई सीटों के लिए लगभग आधा दर्जन सांसदों के नामों पर विचार भी किया है.
भाजपा यहां पर कांग्रेस सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी माहौल को भुनाना चाहती है. सांसदों को उतारने से माहौल भी बनेगा और चेहरा भी नया होगा. साथ ही बाद में लोकसभा चुनाव में भी पार्टी नया चेहरा उतार सकती है. मालूम हो कि बीते लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 25 में से 24 सीटें जीती थी और एक सीट उसकी तबकी सहयोगी आरएलपी को मिली थी.
महिलाओं की संख्या बढ़ेगी राज्य में पार्टी पिछली बार से ज्यादा महिला उम्मीदवार भी उतार सकती है. कई सीटों पर महिला उम्मीदवारों को लेकर भी चर्चा की गई है.
केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक इसी सप्ताह
भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक इस सप्ताह के आखिर में होने की संभावना है. इसमें राजस्थान के लिए लगभग 40 उम्मीदवारों पर चर्चा होने की संभावना है. सूत्रों के अनुसार, पार्टी नेतृत्व ने भले ही पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को चेहरा नहीं बनाया है, लेकिन उम्मीदवार चयन में उनकी राय को खासा महत्व दिया जा रहा है.