
भारत को सालाना आधार पर सूचनाओं के स्वत आदान-प्रदान की व्यवस्था के तहत स्विट्जरलैंड से अपने और नागरिकों और संगठनों के स्विस बैंक खातों का ब्योरा मिला है. स्विट्जरलैंड ने 104 देशों के साथ करीब 36 लाख वित्तीय खातों का विवरण साझा किया है.
अधिकारियों ने बताया कि स्विट्जरलैंड और भारत के बीच सूचनाओं का यह पांचवां वार्षिक आदान-प्रदान है. भारतीय अधिकारियों के साथ साझा किया गया नया विवरण सैकड़ों वित्तीय खातों से संबंधित है, जिनमें कुछ लोगों, कॉरपोरेट और न्यास (ट्रस्ट) से जुड़े खातों की जानकारी है. साझा किए गए विवरण में पहचान, खाता और वित्तीय जानकारी शामिल है. इसमें नाम, पता, निवास का देश और कर पहचान संख्या के साथ ही रिपोर्टिंग वाले वित्तीय संस्थान, खाता शेष तथा पूंजीगत आय से संबंधित जानकारी शामिल है.
आदान-प्रदान पिछले महीने हुआ अधिकारियों ने सूचना के आदान-प्रदान की गोपनीयता से जुड़े नियमों और आगे की जांच पर इसके प्रतिकूल प्रभाव का हवाला देते हुए आदान-प्रदान के जरिये मिली जानकारी या किसी अन्य विवरण में शामिल राशि का खुलासा नहीं किया है. इस ब्योरे का इस्तेमाल कर चोरी, धनशोधन और आंतकवाद के वित्तपोषण सहित अन्य गलत कृत्यों की जांच के लिए किया जाएगा. अधिकारियों ने बताया कि यह आदान-प्रदान पिछले महीने हुआ. स्विट्जरलैंड अब सितंबर, 2024 में जानकारियां साझा करेगा. अधिकारी इस जानकारी के आधार पर यह सत्यापित कर पाएंगे कि क्या करदाताओं ने अपने आयकर रिटर्न में अपने वित्तीय खातों की सही घोषणा की है.
101 देशों की पिछली सूची में जोड़ा गया
इस वर्ष कजाकिस्तान, मालदीव और ओमान को 101 देशों की पिछली सूची में जोड़ा गया. वित्तीय खातों की संख्या में करीब दो लाख की वृद्धि हुई है. सूचनाओं का आदान-प्रदान 78 देशों के साथ पारस्परिक था. स्विट्जरलैंड ने 25 देशों के मामले में जानकारी प्राप्त की पर खुद कोई जानकारी उपलब्ध नहीं कराई, क्योंकि ये देश अब तक गोपनीयता तथा डेटा सुरक्षा पर अंतरराष्ट्रीय जरूरतों को पूरा नहीं करते हैं.
रूस के साथ जानकारी का आदान-प्रदान नहीं
रूस के साथ भी किसी जानकारी का आदान-प्रदान नहीं किया गया. बतादें कि भारत को सितंबर 2019 में एईओएल के तहत स्विट्जरलैंड से पहली बार खातों का ब्योरा मिला था. वह उस वर्ष ऐसी जानकारी प्राप्त करने वाले 75 देशों में से एक था.