
आयुष मंत्रालय में सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने पश्चिमी सिडनी विश्वविद्यालय (Western Sydney University) के कुलपति एवं अध्यक्ष प्रोफेसर बार्नी ग्लोवर और अन्य के नेतृत्व में ऑस्ट्रेलियाई प्रतिनिधिमंडल से भेंट की. इस अवसर पर कोटेचा ने कहा, ‘यह एक अच्छा कदम है और मुझे विश्वास है कि यह पीठ ऑस्ट्रेलिया (Australia) में अकादमिक और सहयोगी अनुसंधान गतिविधियों को बढ़ावा देने में भारत (India) के सहयोग को मजबूत करेगी. यह हमारे वैज्ञानिक अभ्यासों के विश्वसनीय साक्ष्य के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य देखभाल वितरण प्रणाली के साथ इसे एकीकृत करने के लिए अनुसंधान परिणामों के अनुप्रयोगों में भी सहायक होगा.’

वहीं वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. बार्नी ग्लोवर ने स्वीकार किया कि यह सहयोग पश्चिमी चिकित्सा और आयुर्वेदिक विज्ञान को एक साथ लाने में मदद करेगा. यह अकादमिक पीठ आयुर्वेद (Ayurveda) में शैक्षणिक और सहयोगी अनुसंधान गतिविधियों का संचालन करेगा, जिसमें वानस्पतिक औषधियों एवं योग के साथ ही अकादमिक मानकों और छोटी अवधि या मध्यम अवधि के पाठ्यक्रम और शैक्षिक दिशानिर्देश भी शामिल हैं. यह मजबूत ऑस्ट्रेलियाई (Australia) नियामक ढांचे के भीतर, आयुर्वेद (Ayurveda) से संबंधित शिक्षण, अनुसंधान और नीति विकास में बेहतरी लाने और उसे बढ़ावा देने में अकादमिक नेतृत्व प्रदान करेगा साथ ही पारंपरिक स्वास्थ्य देखभाल में साक्ष्य आधारित आयुर्वेद औषधियों के प्रयोगों और एकीकरण को बढ़ावा देने के लिए रणनीति विकसित करेगा.

आयुष मंत्रालय ने भारत (India) की सॉफ्ट पावर के रूप में आयुर्वेद (Ayurveda) और योग को बढ़ावा देने तथा उसे स्थापित करने के लिए ठोस प्रयास किए हैं. इसे सुविधाजनक बनाने के लिए 16 देशों के साथ आयुष पीठ के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं. आयुष मंत्रालय ने अंतर्राष्ट्रीय सहयोग (आईसी योजना) को बढ़ावा देने के लिए एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना भी विकसित की है जो कि आयुष चिकित्सा पद्धति के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने और मजबूत करने के लिए, विदेशों में आयुष प्रणालियों के अंतर्राष्ट्रीय प्रचार, विकास और मान्यता को सुविधाजनक बनाने तथा विशेषज्ञों के आदान-प्रदान हेतु अंतर्राष्ट्रीय समर्थन के लिए है.