
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई ) ने पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड के जरिए कर्ज लेने के नियमों को सख्त कर दिया है. इसके तहत अब ग्राहकों को इस तरह के कर्ज लेने के लिए कई तरह की प्रक्रियाओं से गुजरना होगा.
बताया जा रहा है कि कर्ज देने से पहले बैंक ग्राहकों की आर्थिक स्थिति की जांच कर सकते हैं. इसके अलावा उन्हें किसी तरह की गारंटी देने के लिए भी कहा जा सकता है. बैंकों के पूरी तरह आश्वस्त होने के बाद ही कर्ज जारी किया जाएगा.
अभी बैंक पर्सनल लोन देने से पहले आर्थिक स्थिति की जांच नहीं करते हैं. यही हालात क्रेडिट कार्ड के मामलों में भी है. इसके चलते इस तरह के कर्ज लेने का चलन काफी तेजी से बढ़ा है. साथ ही इसके डिफाल्टरों की संख्या में भी तेज इजाफा हुआ है.
कर्ज लेने वाले तेजी से बढ़े आंकड़ों के अनुसार, पर्सनल लोन लेनेवालों की संख्या में वर्ष 2022 के दौरान सबसे अधिक उछाल आया था. यह आंकड़ा 7.8 करोड़ से बढ़कर 9.9 करोड़ हो गया था. वहीं, क्रेडिट कार्ड के जरिए कर्ज लेने वालों की संख्या भी 1.3 करोड़ से बढ़कर 1.7 करोड़ हो गई. वहीं, इस साल अप्रैल में प्रति कार्ड औसतन खरीदारी करीब 5120 रुपये की रही.