राष्ट्र

क्या शिंदे ले पाएंगे ठाकरे परिवार से सामना अखबार और शिवसेना भवन ?

महाराष्ट्र . चुनाव आयोग द्वारा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाश शिंदे गुट को  असली शिवसेना के रूप में मान्यता देने के साथ ही अब यह देखा जाना बाकी है क्या उनका गुट पार्टी के मुख्यालय ‘शिवसेना भवन’ और पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ पर भी दावा करता है या नहीं.  फिलहाल ये दोनों उद्धव ठाकरे गुट के नियंत्रण में हैं.

 शिवसेना को असली राजनीतिक ताकत और सत्ता दोनों 90 के दशक में हासिल हुई. 1989 में उन्होंने अपने मुखपत्र “सामना” का प्रकाशन शुरू किया, जो लोगों से जुड़ने का उनका असरदार प्लेटफार्म भी बना. सामना का मतलब हमेशा से शिवसेना के मुखपत्र के तौर पर रहा है, जो हमेशा तमाम खबरों को शिवसेना के दृष्टिकोण के साथ पेश करता रहा है. हाल के दिनों में जब शिवसेना में दोफाड़ हुई तो उद्धव ठाकरे गुट के साथ खड़ा नजर आया. चुनाव आयोग और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ये सवाल जरूर उठता है कि सामना अखबार किसका है. क्या ये शिवसेना का है या फिर ठाकरे परिवार की मिल्कियत.

 शिवसेना के असली नाम और चुनाव चिन्ह पर एकनाथ शिंदे गुट का कब्जा होने के बाद अगला सवाल यही पूछा जा रहा है कि क्या शिंदे गुट अब शिवसेना की संपत्तियों पर भी अपना दावा जताएगा. मौटे तौर पर शिवसेना की दो बड़ी संपत्तियां मुंबई में हैं एक है शिवसेना भवन और दूसरा है सामना अखबार और इसका लंबा चौड़ा कार्यालय परिसर.

 हालांकि एकनाथ शिंदे ने कहा कि हम शिवसेना की संपत्तियों पर अपना हक नहीं जताएंगे और ना ही इसे उद्धव ठाकरे से छीनेंगे लेकिन इन संपत्तियों की कहानी उतनी सीधी नहीं है जितनी लगती है.दरअसल ये दोनों संपत्तियां शिवसेना के नाम से हैं ही नहीं.

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